संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
यह तो सर्व विदित है कि संगतकार मुख्य गायक/गायिका की हर संभव मदद करते हैं, और शायद इसीलिए कोई भी गाना इतना मधुर और प्रवाहपूर्ण हो जाता है। निन्मलिखित प्रकार से संगतकार मुख्य गायक/गायिकाओं की मदद करते हैं-
(क) जब मुख्य गायक/गायिका की सांस टूटने लगती है, तब संगतकार ऊँचे स्वर का अवरोह करके उसे सहारा देते है।
(ख) मुख्य गायक/गायिका के स्वर में अपना स्वर मिलाकर स्वर को प्रभावपूर्ण करते हैं।
(ग) मुख्यगायक/गायिका के भटक जाने पर स्थायी पंक्ति को बार-बार गाकर उसे सँभलने का अवसर देते हैं।
(घ) उनके स्वर में स्वर मिलाकर मुख्य गायक/गायिका को यह अनुभूति कराने में सफल होते हैं कि वह अकेले नहीं है।
(च) मुख्य गायक/गायिका के तार सप्तक में चले जाने पर अपने स्वर से उसे सँभाल लेते हैं।
(छ) जब मुख्य गायक/गायिका किसी अंतरे की जटिलताओं में उलझ जाते है, तब संगतकार उन्हें स्थायित्व प्रदान करते हैं।
(ज) संगतकार मुख्य गायक/गायिका के प्रभाव को बनाए रखने के लिए पूर्णतः तत्पर रहते हैं।
(झ) गायन के समय जब मुख्य गायक/गायिका का स्वर भारी होता है तब संगतकार अपनी आवाज़ से उसमें मधुरता भर देते हैं।